परप्रांतीय श्रमिकों की वतनवापसी- लॉकडाउन के बाद का कांग्रेस का राजनीतिक आतंकवाद: सौरभ शाह

(आज का संपादकीय: बुधवार, ६ मई २०२०)
#2MinuteEdit

शुरुआत में ही एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण देना चाहता हूं कि मैं कोई मोदी का सपोर्टर नहीं हूं या न ही भाजपा का समर्थक हूं, मैं तो एक अंधभक्त हूं जिसे भगवान दीर्घ दृष्टि का वरदान दिया है जो स्पष्ट रूप से देख सकती है कि यह देश यदि विश्व गुरु बनेगा तो अवतारपुरुष नरेंद्र मोदी के कारण ही बनेगा, उनके पक्ष में रहनेवाले भाजपा और आरएसएस जैसे सैकडों राष्ट्रप्रेमी संगठनों के कारण बनेगा और दुनिया भर में बसनेवाले उनके (अवतारपुरुष मोदी के) अरबों अंधभक्तों के कारण बनेगा जिसमें भारतीयों के अलावा गैर-भारतियों का भी समावेश है.

प्रकृति के दिए वरदान से मैं यह भी साफ साफ देख सकता हूं (और लॉकडाउन के कारण घटे प्रदूषण में तो जालंधर से दिख रहे हिमालय की तरह या हालोल से नजर आ रहे पावागढ की तरह एकदम स्पष्ट दिख रहा है) कि गांव के गुंडों जैसी वो चांडालचौकडी अगर फिर से इस देश को आपके हाथ से छीन ले- कांग्रेस, लेफ्टिस्ट, मुस्लिमवादी सेकुलर्स और तीनों की रखैल बने पत्रकार- इन चारों घटकों को मिलकर बनी चांडालचौकडी अगर फिर से सत्ता पर काबिज हो जाती है तो देश डूब जाएगा, सदा के लिए काल के गर्त में समा जाएगा. दुनिया में किसी जमाने में मेसोपोटेमिया की संस्कृति थी, ग्रीक की संस्कृति थी, रोमन संस्कृति थी, हडप्पा और मोहंजोदडो की संस्कृति थी, नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों की संस्कृति थी, ठीक उसी प्रकार से कभी दुनिया में हिंदू संस्कृति भी `थी’ ऐसा इतिहास पढाया जाने लगेगा.

भगवद्गोमंडल कोश में चांडाल का इतने अर्थ दिए हैं: १. निर्दय-घातकी, २. पापी-नीच, ३. फांसी देनेवाला जल्लाद, ४. अधम पुरुष, ५. छिनाल के पेट की पैदाइश (जिसे अंग्रेजी में बास्टर्ड कहा जाता है) ६. अति दुष्ट, ७. क्रूम कर्मा, ८. तिरस्कार योग्य, ९. हलका, १०. निंद्य, ११. लोभी, १२. हरामखोर और १३वां अर्थ भी जान लेते हैं- दुष्ट और घातकी काम करनेवाली स्त्री. (क्या कोई याद आया आपको?) चांडाल यानी इनमें से अनेक लक्षणों वाला व्यक्ति. चांडाल चौकडी यानी काले कारनामे करनेवालों की टोली या हरामखोर लोगों का झुंड.

अभी बहुत ही गंभीर परिस्थिति है. कोरोना की वैश्विक आपत्ति को ऊपरवाले द्वारा स्वीकार की गई दुआ के रूप में यह चांडाल चौकडी देख रही है. लोहा गरम है, मार दो हथौडा वाला `शोले’ का डायलॉग इस चांडाल चौकडी के सदस्य एक दूसरे के कान में फुसफुसाकर बोल रहे हैं. विनाश करने का ऐसा सुनहरा मौका फिर कभी हाथ नहीं आएगा. अभी यदि मोदी को खत्म करने में सफल हुए तो २०२४ के चुनाव के बाद भारत में फिर एक बार सात सौ साल के मुगल शासन की स्थापना निश्चित होगी. और अगर मोदी सरकार डटी रही, उनके सपोर्टर्स, उनके प्रशंसक, उनके भक्त और उनके अंधभक्तों सहित भाजपा के मतदाता अवतार पुरुष मोदी का साथ नहीं छोडते हैं तो समझ लीजिएगा कि २०२४ के चुनाव के बाद भारत को हिंदूराष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता और अगर ऐसा होता है तो २०२९ या २०४९ तक ही नहीं बल्कि आनेवाली सदियों तक, आगामी सहस्त्राब्दियों तक, सनातन काल तक भारत का, भारत में बसनेवाले हर नागरिक का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता. (`हिंदू राष्ट्र’ और `हिंदू राज्य’- हिंदू नेशन और हिंदू स्टेट- इन दोनों के बीच जमीन आसमान का अंतर यदि याद न हो तो मुस्लिम पॉपुलेशन वाली श्रृंखला के १०वे (अंतिम) लेख को फिर पढें जिसमें विस्तार से समझाया गया है. समय निकालकर न्यूजप्रेमी.कॉम पर पढ लीजिएगा.)

इस देश की राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक और पारंपरिक व्यवस्था को दीमक की तरह खानेवाली नेहरू-राहुल की कांग्रेस इस देश के लिए पूर्णतया गद्दारी प्रदर्शित करनेवाले अपने स्वार्थी अजेंडे द्वारा हर तरफ अराजकता फैलाने में दिन रात मशगुल रहनेवाले साम्यवादी, समझदार मुसलमानों को साइडलाइन करके और उन पर हावी होकर राजनीतिक इस्लाम का उपयोग करनेवाले मुस्लिमपरस्त सेकुरवादी तथा इन तीनों श्रेणियों द्वारा जुटाए गए लूट के माल का तगडा हिस्सा जिन्हें निरंतर मिलता रहा है, ऐसे फ्रंट पेज की महफिलों में और प्राइम टाइम के कोठों पर मुचरा करनेवाले पत्रकार उर्फ प्रेस्टिट्यूट्स यानी पेड मीडिया के हैंडलर्स. इस चांडाल चौकडी के लिए अभी का समय करो या मरो का दौर है. इस पार या उस पार. अगर ये मौका हाथ से गया तो फिर कभी ऐसा मौका नहीं मिलनेवाला, यह बात ये चांडाल चौकडी बखूबी जानती है. इसीलिए वे मरने मारने पर उतारू हो चुके हैं. अब वे किसी भी हद तक जा सकते हैं. आखिर उनके अस्तित्व का सवाल जो है.

२०१४ के बाद इस चांडाल चौकडी ने मोदी को पछाडने की पूरी कोशिश की थी. हर बार मोदी अधिक मजबूत बनकर सामने आए. कोरोना जैसे वैश्विक संकट में शेष दुनिया की तरह भारत की जनता को भी अपने हिस्से में आनेवाली आपदाओं को सहना ही है. ये तकलीफें किस तरह से कम होंगी, उसमें सरकार किस तरह से राहत दे सकती है और सभी साथ मिलकर किस तरह से इस संकट का सामना कर सकते हैं, इसके लिए मोदी, केंद्र सरकार के तमाम विभाग, भाजपा की राज्य सरकारें तथा सारे देश की राष्ट्रनिष्ठ सेवा संस्थाओं के लाखों कार्यकर्ता तथा मुझ जैसे करोडो राष्ट्रप्रेमी नागरिक दिन रात एक करके अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप काम कर रहे हैं. देश को तोडने की चाह रखनेवाले वामपंथी, अपनी तिजोरी भरने के इच्छुक कांग्रेसी तथा दूसरों की चिताओं पर रोटी सेंकने में माहिर बन चुके मुस्लिमवादी सेकुलर पेड मीडिया के साथ मिलकर देश को तहसनहस करने का कोई मौका नहीं छोडना चाहते.

हर राज्य के परप्रांतीय श्रमिकों को उकसाकर भारत सरकार के तंत्र को विफल करने के लिए फेक न्यूज़, अफवाहें तथा मिसइन्फॉर्मेशन का सहारा ले रही चांडाल चौकडी के वॉर रूम में घुसकर जो जानकारी हाथ लगी है, अब उसका खुलासा करने का समय आ गया है.

गुजरात के अग्रणी राजनीतिक चिंतक किशोर मकवाणा ने जिसके लिए `कांग्रेस का पॉलिटिकल टेररिजम’ जैसा सटीक शब्द बनाया है, उस विशाल षड्यंत्र को एक्सपोज़ करने का समय आ गया है.

।।हरि ॐ।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here