मोरारी बापू और अली मौला : सौरभ शाह

(आज का संपादकीय, सोमवार, 25 मई 2020)

#2MinuteEdit

‍प‍िछले कुछ दिनों से एक बहुत ही निम्नस्तरीय कैंपेन कुछ  बदमाश ईर्ष्यालु हिंदूद्वेषी  लोगों द्वारा शुरू किया गया है. इस कुप्रचार को कई भोले और बेवकूफ लोग आगे बढा रहे हैं और दुर्भाग्य से अच्छे, सुसंस्कृत तथा जिनके लिए समाज को गर्व हो सकता है, ऐसे कई लोग लापरवाह बनकर इस कैंपेन को सीधे या परोक्ष रूप से समर्थन दे रहे हैं.

बदमाश, बेवकूफ और लापरवाह लोगों के इस अपवित्र तीन तिगाडे से जिनका काम बिगड रहा है वे हैं हिंदुत्व का काम, सनातन धर्मियों का काम.

पूज्य मोरारी बापू अपनी नौ दिवसीय कथा में कभी कभार (सभी कथाओं में नहीं) दो पांच मिनट के लिए अली मौला की धुन गाते हैं, गवाते हैं. आज कल उस धुन की क्लिप वायरल करके ऐसी छाप बनाई जा रही है कि मानो पूज्य बापू छह दशकों से इस्लाम का प्रचार करते रहे हैं. हिंदुत्व में आस्था रखनेवालों में फूट डालने की इस चाल को जो नहीं समझ सकते वे पूज्य मोरारी बापू के खिलाफ इस प्रचार के फॉरवर्ड्स मुझे भेजते रहते हैं इसीलिए मेरा मन हुआ कि चलो जरा इन बदमाशों को झकझोरें, बेवकूफों के होश ठिकाने लाएं और बेदरकार लोगों का समझाएं कि भाई, तू जिस प्रचार में बहता जा रहा है, वह तेरी नादानियत है. तूने सारा जीवन हिंदुत्व के लिए क्या किया? जरा हिसाब तो दे मुझे. उसके बाद तेरे काम की तुलना पूज्य बापू द्वारा ६० वर्ष के दौरान की गई कथाओं और उनके अन्य प्रवचनों-कार्यक्रमों-कार्यों द्वारा हिंदुत्व के लिए, सनातन के लिए जो किया गया उसके साथ करेंगे. बापू के विशाल सागर की तुलना में तेरा योगदान रत्तीभर भी नहीं है. इसीलिए चुल्लूभर पानी में डूब मर बेटा डूब मर.

मोरारीबापू की दो बातें आपके गले न उतरी हों. आपकी बाईस बातें उनके गले नहीं उतरती हों. इस कारण से क्या आप एक दूसरे के साथ बैर कर लेंगे. आप अली मौला की धुन की दो-पांच मिनट की क्लिप फॉरवर्ड करके क्या स्थापित करना चाहते हैं? नौ-नौ दिन तक आठ सौ से अधिक रामकथा करने वाले मोरारीबापू की इन कथाओं की अवधि को जोडकर उसकी क्लिप बनाकर फॉरवर्ड करने का विचार क्यों नहीं आया आपको? ७५ वर्ष की उम्र के बापू ने बीते साठ वर्ष तक रामकथाएं करके, अन्य कई गतिविधियां करके भारत ही नहीं समस्त विश्व के हिंदुओं को संगठित रखने के लिए जो हिमालय जैसा योगदान दिया है उसकी तुलना में ऐसे फॉरवर्ड करनेवालों का महत्व धूल बराबर भी नहीं है.

अली मौला की धुन गाकर बापू मानो आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं, ऐसी छाप खडी करने की कोशिश करनेवाले कई हिंदूवादी अपनी छिछली या अवसरवादी मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंदू धर्म के लिए उनकी आस्था का आधार कितना खोखला है, इसी से साबित हो जाता है. मोरारीबापू और उन जैसे अन्य कई कथाकार, हिंदू धर्मगुरु, हिंदू धर्म प्रचारक, हिंदू धर्मात्मा, हिंदू धर्म के विद्वान, हिंदू धर्म के विचारकों-चिंतकों- अध्ययनकर्ताओं ने करोडो हिंदूओं का आस्था टिकाए रखने के लिए सारी जिंदगी खर्च कर दी, आपने फॉरवर्ड भेजने के अलावा दूसरा किया क्या है.

आपके ऐसे फॉरवर्ड्स के कारण फायदा तमाम सेकुलर-वामपंथी मित्रों को होगा. ऐसे फॉरवर्ड्स जिसके कारण इस देश के महात्माओं के प्रति आशंका पैदा हो, उनके प्रति समर्थन घट जाय, इस प्रकार सिर्फ सेकुलर्स-वामपंथियों का अजेंडा आगे बढनेवाला है. जरा ठंडे दिमाग से सोचिए, ऐसे फॉरवर्ड्स को वायरल करने से पहले. वो पाकिस्तानी तो चाहते ही हैं कि तुम हिंदुओं में जितना विभाजन हो, उतना अच्छा है. आप आपस में जितना लडें उतना ही उन्हें फायदा है. और आप उन पाकिस्तानियों के साथ जुड गए! भ्रष्ट हो गए? क्या लालच है? क्या डर है? या ऐसे करते समय आपको कोई बहादुरी का एहसास हो रहा है? ऐसे फॉरवर्ड्स भेजने से शौर्य जागता है? कृत्रिम पुरुषातन प्रकट करने के बजाय आपसे जितना हो सके उतनी हिंदुत्व की सेवा करो. नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं. चुप रहो और ऐसे फॉरवर्ड्स भेजना बंद करो- यह भी एक बडी सेवा मानी जाएगी.

मोरारीबापू ने हिंदुत्व के लिए इस देश के लिए, समाज के लिए क्या क्या किया है, इसकी समझ बदमाशों या बेवकूफों में नहीं होगी, ये स्वाभाविक बात है. लेकिन जो अपनी मानसिक लापरवाही से ऐसे कैंपेन से जुडे हैं उनके फायदे के लिए एक लेख अलग से भेज रहा हूं जो मुंबई समाचार के मेरे दैनिक कॉलम `गुड मॉर्निंग’ में २०१७ के अप्रैल मास के एक सप्ताह धारावाहिक प्रकाशित हुआ था. आशा है शांतचित्त से इस लेख की सारी सामग्री जो अपने मन में उतारेगा उसे अपनी गलती का एहसास होगा और `अली मौला’ वाले फॉरवर्डियों से जिनका मन भटका है वे पुन: स्वस्थ होंगे.

।।हरि ॐ।।

 

5 COMMENTS

  1. હિંદુઓ માં જ સેક્યુલર બનવાની બતાવવાની હોડ શુ કામ લાગી છે.!! ધર્મના મહાપુરુષો એ તો આમ લોકોને રાહ ચીંધી ધર્મનો ખરો મહિમા સમજાવવાનો હોય. હિન્દૂ ધર્મમાં ભગવાનના નામ નો ક્યાં તોટો છે કે અલી મૌલાની ધૂન ગવડાવવા ની જરૂર ઉભી થઇ. આ બધાને સતના થઈ વિધર્મીઓ માં વ્હાલા થવું છે. ભગવાન કૃષ્ણ બલરામજી માટે જેમ તેમ બોલી વાહવાહી મેળવવી છે. એટલાજ સાચા હોય તો મસ્જિદ માં કથા કરી દેખાડે!! બાકી સૌરભજી જેવા વિચારકો તેમનો સપોર્ટ કરે તે બહુજ ખુચ્યું. જેમણે સેક્યુલરો ને ભાંડવા માં બાકી નથી રાખ્યું. તે શું આભા માં આવી ગયા.!! તમારી પાસે આ આશા નહતી.. સનાતન ધર્મ ને સુદ્રઢ કરવા માં ફાળો આપવાનો હોય. નહીંકે વિધર્મી ઓના ગુણગાન ગાવા ના હોય. બધેજ સ્વીકાર કરાવી લેવાની લ્હાય માં આ ઉન્માદ છે. જય શ્રી રામ. વિચારજો. આત્મ મદ માં રાચવું ઉચિત છે!!?? ધર્મ ને છેહદેવાય છે તે ઉચિત છે!! શું જરૂર ઉભી થઇ કે અલી મોલા ની ધૂન ..હવે શું મેળવવું છે…!!

  2. I agree with Shree Saurabh Shah.
    Congress & Vampanthi never liked Hindu & Hinduism, they have tried to destroy Hindu.
    This agenda we have been watching from Nehru and his family.
    We should have faith in our religion and our people who has sacrificed for Hinduism.

  3. किसी भी संत को। बदनाम करना। और और श्रद्धालुओं को। सनातन से। विमुख करने का। यह! योजना बद्ध। षड्यंत्र? आपको विशेष? धन्यवाद! कि आपने? बहुत सारी! हिंदू! गतिविधियों का। विवरण दिया है। एवं। संत की। सही पहचान! अपने! श्रोता गण को करवाई है। धन्यवाद!

  4. किसी भी संत को। बदनाम करना। और और श्रद्धालुओं को। सनातन से। विमुख करने का। यह! योजना बद्ध। षड्यंत्र मेरे हिंदू भाइयों! जागो! और? आपको विशेष? धन्यवाद! कि आपने? बहुत सारी! हिंदू! गतिविधियों का। विवरण दिया है। एवं। संत की। सही पहचान! अपने! श्रोता गण को करवाई है। धन्यवाद!

  5. Perfect note to demolish the intent of certain nonsense people with malafied intention and raising the true image of Pujya Miraribapu. Om Shanti. Jai Hind.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here