एक तरफ मोदी का देशप्रेम, दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस की राजनीति

गुड मॉर्निंग- सौरभ शाह

(मुंबई समाचार, गुरुवार – ७ फरवरी २०१९)

२८ सितंबर २०१६ की रात में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का समाचार २९ सितंबर २०१६ की सुबह डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशन्स (डी.जी.एम.ओ.) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने तत्काल बुलाई गई प्रेस कॉन्फरेंस द्वारा समस्त भारत और सारी दुनिया को दिया. इस प्रेस कॉन्फरेंस में भारत की ओर से, भारतीय सेना की ओर से डी.जी.एम.ओ. ने जो स्टेटमेंट पढा उसके शब्द पाकिस्तान के खिलाफ इतने सख्त, स्पष्ट और सार्वजनिक तमाचा मारने जैसे थे जो पहले कभी उपयोग में नहीं लाए गए. `उडी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ देख चुके या देखने के इच्छुक सभी लोगों को ये शब्द पढकर गौरव का अनुभव होगा. यह प्रेस प्रेस कॉन्फरेंस फिल्म में नहीं दिखाई गई है. फिल्म में जरूरत भी नहीं थी, लेकिन `उडी’ देखने के बाद इन शब्दों का महत्व आपके मन में खूब बढ जाएगा. लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने स्टेटमेंट पढते हुए कहा:

`ये हमारे लिए एक बहुत ही गंभीर विषय है कि पिछले कुछ समय में जम्मू एंड कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास से घुसपैठ की बढोतरी हुई है. ग्यारह और अठारह सितंबर दो हजार सोलह को पुंछ और उडी के अंदर हुए आतंकवादी हमले इसकी एक मिसाल हैं. आतंकवादियों द्वारा की गई ऐसी घुसपैठ की तकरीबन बीस कोशिशें जो लाइफ ऑफ कंट्रोल या उसके नजदीक की गई, उसको नाकामयाब किया गया है. इन घुसपैठ के प्रयासों और आतंकवादी हमले के दौरान मिले सामान और सामग्री में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) साफ बताते हैं कि उनके ऊपर पाकिस्तानी चिन्ह हैं. हमने कुछ आतंकवादियों को गिरफ्त में भी लिया है जो कि पाकिस्तान या पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर (पी.ओ.के.) से संबंध रखते हैं, उधर के मूल निवासी हैं. पूछताछ के दौरान उन्होंने ये स्वीकार किया है कि उनको पाकिस्तान से प्रशिक्षण और हथियार दिए गए थे. इस मुद्दे को हमने राजनैतिक स्तर पर और मिलिटरी स्तर पर हमेशा पाकिस्तान के साथ समय समय पर हमारा कंसर्न एक्सप्रेस करते रहे हैं. हमने पाकिस्तान को इन आतंकवादियों को कॉन्सुलर एक्सेस देने का भी न्यौता दिया है और साथ में हमने ये भी उनको बताया है कि जो आतंकवादी पुंछ और उडी में मारे गए उनके फिंगर प्रिंट्स और डी.एन.ए. सैंपल्स भी पाकिस्तान को दिए जा सकते हैं ताकि वे आगे की छानबीन कर सकें. हमारी सारी कोशिशों के बावजूद कि पाकिस्तान अपनी जमीन को भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिए न इस्तेमाल करें जैसा कि उसने जनवरी दो हजार चार में हमें आश्वासन दिया था कि वो अपनी मिट्टी को भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं इस्तेमाल होने देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और घुसपैठ और आतंकवादी घटनाएँ बढोतरी पर रहीं. अगर हम अपना नुकसान कम करने में सफल रहे हैं तो उसका श्रेय भारतीय सेना के उन सैनिकों को जाता है जो कि एक बहुत ही कारगर, मल्टी-टियर्ड काउंटर-इफिल्ट्रेशन ग्रिड के ऊपर तैनात है जिन्होंने इन घुसपैठियों को रोक कर उनकी आतंकवादी डिजाइन को सफल न होने देने की क्षमता रखी. कल बहुत ही विश्वस्त और पक्की जानकारी मिलने पर, कि कुछ आतंकवादी लाइन ऑफ कंट्रोल के पास लॉन्च पैड पर एकत्रित हुए हैं, इस ऑपरेशन का लक्ष्य आतंकवादियों के नापाक मनसूबों का क्रिपल करना था जो कि हमारे देश के नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे. इस काउंटर-टेररिस्ट ऑपरेशन के दौरान आतंकवादी और उनकी फैसिलिटीज को काफी भारी नुकसान पहुंचाया गया है, और कइयों को मार गिराया गया है. इन ऑपरेशन्स को अब समाप्त कर दिया गया है. इसका उद्देश्य केवल आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही करना था. हमारा इन ऑपरेशन्स को और समय तक जारी रखने का कोई इरादा नहीं है लेकिन मैं ये यकीन दिलाना चाहता हूँ कि भारतीय आर्म्ड फोर्सेस किसी भी कंटिंजेंसी के लिए हर समय तैयार हैं. मैने अभी पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) से संपर्क किया अऔर उनको अपने कंसर्न्स बताए और उनको कल रात के ऑपरेशन्स की भी जानकारी दी. हम किसी भी सूरत में आतंकवादियों को लाइन ऑफ कंट्रोल के पार आकर हरकत नहीं करने दे सकते. और ये हम बिलकुल गंवारा नहीं करेंगे कि आतंकवादी हमारे देश के नागरिकों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचा सकें. पाकिस्तान ने जनवरी २००४ में जो आश्वासिन दिया था कि वे अपनी जमीन से भारत के खिलाख आतंकवादी हमले नहीं होने देंगे और इसी वचन के अनुसार मैं पाकिस्तान से उम्मीद करता हूं कि वो हमारा समर्थन करे और हम मिलकर इस आतंकवाद को जड से मिटा सकें और अपने इलाके के अंदर शांति बहाल कर सकें. जयहिंद.’

इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १ जनवरी २०१९ को एन.आई.ए. को दिए गए लंबे इंटरव्यू के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में सबसे पहली बार बात की थी. देश के सभी न्यूज चैनल्स ने इस इंटरव्यू का प्रसारण किया था. प्रधान मंत्री को सवाल पूछा गया था कि आपकी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सार्वजनिक चर्चा करके उसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है. इस बारे में पूर्व सेना अफसरों से लेकर अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी आपकी आलोचना कर रहे हैं.

मोदी ने इसके जवाब में क्या कहा उनके शब्दों में सुनिए:

`पहली बात तो ये कि मैं खुद मानता हूं कि सर्जिकल स्ट्राइक का राजनैतिक उपयोग नहीं होना चाहिए. इस बारे में कोई मतभेद है ही नहीं. लेकिन जब सर्जिकल स्ट्राइक किया गया तब सरकार के किसी भी मंत्री ने किसी भी प्रकार का बयान नहीं दिया है, प्रधान मंत्री ने भी स्टेटमेंट नहीं दिया है. केवल सेना के अफसर ने देश को जानकारी दी है और वह भी केवल इन्फॉर्मेशन दी है और यह इन्फॉर्मेशन सिर्फ यहीं पर नहीं दिया बल्कि फोन करके पाकिस्तान को भी जानकारी दी गई है और जब तक पाकिस्तान को ये जानकारी नहीं दी गई थी तब तक हिंदुस्तान की मीडिया को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई. और सेना ने मीडिया को जब जानकारी दी तो बात वही खत्म हो जानी चाहिए थी. लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि उसी दिन पॉलिटिकल पार्टी के कई नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर शंका व्यक्त की है. पाकिस्तान के लिए तो इस तरह से बोलना जरूरी था, क्योंकि उन्हे अपनी जनता का नैतिक उत्साह कायम रखना है. लेकिन जो बात पाकिस्तान बोल रहा था, वही बात हमारे देश के कई लोग बोल रहे थे. अपनी बात का समर्थन करने के लिए वे लोग पाकिस्तान की कही गई बातों का प्रमाण दे रहे थे. राजनीतिकरण का आरंभ वहां से हुआ. देश की सेना के लिए अनापशनाप बोला गया. और मैं मानता हूं कि जिन लोगों ने इस प्रकार से देश की सेना के खिलाफ संदेह प्रकट किया है, सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आशंका खडी की है, वह बहुत ही गलत बात है, इस तरह से इस घटना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. लेकिन पहले दिन ऐसी बातें करके इस गौरवपूर्ण घटना को नोंच डाला गया जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरी बात. सेना का गौरव करना बहुत ही जरूरी होता है. सेना के पराक्रम का वर्णन करना बहुत जरूरी होता है. देश के प्रधान मंत्री, नेश की सरकार और देश के नागरिक- सभी की ये जिम्मेदारी है कि ६२ की लडाई में सेना द्वारा किए गए पराक्रमों की बात की जाए और सर्जिकल स्ट्राइक में जब हमारी सेना ने पराक्रम किया है तब उसकी बात भी होनी चाहिए. देश के लिए जीने-मरनेवालों का गौरवगान हम नहीं करेंगे तो और कौन करेगा? ऐसा गौरवगान को यदि कोई राजनीति कहता है तो ये गलत है.’

प्रधान मंत्री के इस जवाब के परिप्रेक्ष्य में उनसे प्रश्न पूछा गया कि सुना है कि जब सर्जिकल स्ट्राइक हो रही थी तब आपको पल पल की जानकारी मिल रही थी. तो उस समय आपके मन में क्या विचार चल रहा था?

बहुत ही गंभीर सवाल था और पेचीदा भी. प्रधान मंत्री ने जो जवाब दिया वह जानने लायक है, जीवन में उतारने लायक है.

शेष कल

आज का विचार

पाकिस्तान सरकार ने हज की सब्सिडी को पूरी तरह से रद्द करने की घोषणा करके सरकार की तिजोरी से खर्च हो रहे ४५० करोड रूपए बचा लिए.

– पीटीआई द्वारा प्रसारित समाचार

एक मिनट!

बका: आज कल सभी पत्नियां अपने पति के साथ कस्टमर केयर की ऑपरेटर से भी अधिक विनम्रता से बात कर रही हैं, इसका क्या कारण है पता है, पका?

पका: क्या?

बका: वैलेंटाइन्स डे को सिर्फ ७ दिन ही बचे हैं.

1 COMMENT

  1. But I really pray to a God it is high time people should realise the importance of PM is doing, instead of falling prey to the false hood these people like Rahul congress Mamta camp; others camp; also pray people like Sanjay Raout camp; Uddhav Thackeray should understand !!!

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