इस दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक को आगामी चुनाव के साथ जोडनेवालों के बारे में

गुड मॉर्निंग- सौरभ शाह

(मुंबई समाचार, शनिवार – २ मार्च २०१९)

मोदी आगामी चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर सरकार बनाएंगे इसीलिए कुछ राजनीतिक विश्लेषक चिल्लाएंगे कि मोदी ने भारतीय वायुसेना का `उपयोग’ करके बालाकोट, पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की और इसीलिए चुनाव जीत गए. कई राजनीतिक विश्लेषक तो अभी से कहने लगे हैं कि मोदी ने चुनाव जीतने के लिए ही भारतीय वायु सेना का `उपयोग’ करके सर्जिकल स्ट्राइक करवाई है. इसका मतलब ये हुआ कि पुलवामा में सी.आर.पी.एफ. के ४४ जवानों को शहीद करने करने का आतंकी षड्यंत्र मोदी ने पाकिस्तान से कहकर करवाया. निष्पक्षता का चोला पहन कर वर्तमान तथा राजनीतिक मामलों पर कमेंट करनेवालों की सोच कितनी हलकी होती है इसका ये प्रमाण है और चुनाव जैसे जैसे करीब आता जाएगा, इसका परिणाम बढता जाएगा. चुनाव परिणाम आने के बाद ये बेचैन लोग नग्न होकर अपने सारे पूर्वाग्रहों तथा मोदी द्वेष को बैलेंस करके व्यक्त करके जनता को गुमराह करने की कोशिश करेंगे. अप लोगों ने भ्रमित होना बंद कर दिया है. जनता पहचान गई है देश प्रेम की बातें करके, सहिष्णुता तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के गीत गाकर देश के साथ गद्दारी करनेवालों को.

मोदी देश के किसानों के लिए, देश के किसी भी राज्य के लिए कोई नई योजना लेकर आते हैं तो वे कहेंगे कि मोदी चुनाव को ध्यान में रखकर ये सारी योजनाएं ला रहे हैं. क्या मोदी ने पीएम बनने के बाद अभी तक ५७ महीनों के दौरान देश के लिए जो कुछ भी किया वह २०१९ का चुनाव जीतने के लिए किया? चार हजार एनजीओ की विदेशी फंडिंग रोकी, नोटबंदी की, जीएसटी लेकर आए, यूपी जीता, बुलेट ट्रेन की योजना की, रेलवे तंत्र को मजबूत किया, बिचौलियों का दूर करके सरकारी योजनाओं का धन सीधे लाभार्थियों के खाते में जमा करने की योजना बनाई, लाखों गांवों में शौचायलयों की सुविधा खडी की, लाखों गरीबों को घर बना कर दिए, अपनी नींद छोडकर चीन, अमेरिका, फ्रांस, यूके इत्यादि दर्जनों देशों की यात्रा करके देश के लिए अरबो डॉलर का निवेश लाए- देश की ताकत बढाकर सारी दुनिया को भारत का मुरीद बना दिया, देश को सांप्रदायिक दंगों और आतंकवादी घटनाओं से मुक्त किया, जनता का जीवन सही दिशा में ले आए, शिक्षा क्षेत्र की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए करोडो रूपए आबंटित किए, देश की आर्थिक स्थिति में भारी सुधार किया, विदेश में बसनेवाले हर भारतीय को वहां के लोग सम्मान से देखने लगे, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा वातावरण बनाया कि तीन सप्ताह में ही `उडी’, `मणिकर्णिका’, `द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और `ठाकरे’ जैसी चार देशभक्ति से भरी फिल्में उस इंडस्ट्री में बनीं और रिलीज हुईं जिस पर सेकुलरों का राज है. इतना ही नहीं, अभी तो अन्य आधा दर्जन फिल्में और आ रही हैं तथा दर्जनों फिल्में प्लानिंग स्टेज पर हैं. क्या ये सब २०१९ का चुनाव जीतने के लिए ही किया?

मोदी ने भारत की कायापलट का काम करना शुरू किया है. मोदी से पहले के भारत और मोदी आने के बाद का भारत – इस विषय पर पूरी किताब लिखी जा सकती है. लिखी ही जाएगी. मोदी ने क्या ये कायापलट करने का बीडा २०१९ का चुनाव जीतने के लिए उठाया है? ये लोग या तो समझते नहीं हैं या फिर मानना नहीं है कि मोदी इज मच मोर दैन अ पॉलिटीशियन ऑर अ प्राइम मिनिस्टर. भारत ने भूतकाल में ऐसा कोई राजनेता देखा ही नहीं है इसीलिए किसी को ध्यान में भी नहीं आता है कि मोदी की तुलना किसके साथ करें. मोदी की बराबरी किसी के साथ नहीं की जा सकती. वे बेजोड हैं. भारत विरोधियों को मोदी का अस्तित्व आंखों में किरकिरी की तरह चुभना स्वाभाविक है. जिनके दो नंबर के धंधों पर ताला गया है, जिन सेकुलरों का चैन छिन गया है, जिन वामपंथियों का सारा अस्तित्व ही खतरे में है, जिन भ्रष्टाचारियों ने जीवन में कभी सोचा भी नहीं था कि वे ईजी मनीवाली लाइफ स्टाइल छोडकर मेहनत-मजदूरी अपनाने पर मजबूर हो जाएंगे, जो कामचोर बैठे बैठे वेतन लेकर पेंशन प्राप्ति के सपने देख रहे थे, उन सभी लोगों का मोदी की प्रशंसा करनेवालों के प्रति द्वेष करना स्वाभाविक है. लेकिन ऐसे द्वेष करनेवाले लोग इस देश में सिंगल डिजिट के पर्सेंटेज में हैं. ९० प्रतिशत से अधिक जनता मोदी से खुश है, मोदी द्वारा निर्मित नए भारत से खुश हैं.

२०१९ की चिंता नहीं करनी है, चिंता तो २०२४ की करनी है. बार-बार कह रहा हूं और फिर से कह रहा हूं कि ऊपर बताए गए तमाम विरोधी और देशद्रोही लोग जानते हैं कि २०१९ के बाद जो जो काम करेंगे उसके कारण उन सभी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. वे जी जान लगाकर मोदी का सामना करेंगे. अभी वे जिस भाषा में मोदी की आलोचना कर रहे हैं, उससे कई गुना हल्की भाषा का उपयोग करेंगे और देश की जनता को भडकाएंगे. सांप्रदायिक दंगे हों, देश में सिविल वॉर करवाने के प्रयास करेंगे. सत्ता में रहकर इन सभी ने सात पीढियां खा सकें, इतनी संपत्ति जमा की है उसका उपयोग २०१९ से २०२४ के दौरान मोदी द्वारा निर्मित नए भारत का सर्वनाश करने के लिए करेंगे. इन राजनीतिक दलों को यह भी पता है कि २०१९ के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक उनकी करतूतों पर होनेवाली है. वाड्रा और चिदंबरम ते हिमखंड का शिखर भी नहीं हैं. हिमखंड का ९९ प्रतिशत हिस्सा अभी किसी ने भी देखा नहीं है जिसकी फाइलें आई.बी. और अन्य जांच एजेंसियों ने तैयार कर ली है. इन दीमकों द्वारा खाई जा चुकी लकडी को दिखाकर मीडिया के वामपंथी, अलगाववादी आपको बताते हैं कि देखो, इन लोगों ने कितना अच्छा नक्काशी काम किया है और मोदी ऐसी कलाकारी को बढावा देने के बदले उनका सर्वनाश करना चाहते हैं. बडा अत्याचार कर रहे हैं. ऐसे मीडिया को अब भी भारतीय रेल तंत्र गडढे में गिरता दिख रहा है, नई हाई स्पीड ट्रेने शुरू हो रही हैं और ऐसे में उनके पेट में मरोड उठ रहे रहा है. इस मीडिया को पुराने तथा समान विचारधारा को माननेवाले दलों भाजप- शिवसेना की युति चुभ रही है लेकिन मियां – महादेव के बेढंगे जोडे की तरह मायावती-अखिलेश या केजरीवाल, ममता, नायडू के मौकापरस्त महागबंधन के बारे में वे एक अक्षर नहीं बोलते हैं. वे अपन विश्लेषणों द्वारा, लेखों द्वारा, कृत्रिम तटस्थता द्वारा जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और २०१९ के बाद जब पानी उनकी नाक तक पहुंच गया होगा तब मरता क्या न करता की तर्ज पर मोदी का, इस देश का बुरा हो, ऐसी गतिविधियां करने लगेंगे.

इसीलिए सावधान!

आपकी मान्यता को चुनौती देकर आपके कंधे पर पडे बकरे को कुत्ता बताकर उसे ले भागने के लिए राजनीतिक विश्लेषकों की ठगों की टोली खडी ही है. उनके बहकावे में मत आइएगा. वे इस देश को गुलाम बनाना चाहते हैं, आपको कब्जे में लेकर, आपकी मानसिकता को तोडकर आपको फिर से अपंग बना देना चाहते हैं. उनका टार्गेट मोदी नहीं हैं, इस देश की परंपरा को ध्वस्त करना उनका लक्ष्य है. मोदी उनके आडे आ रहे हैं इसीलिए वे मोदी को खत्म करना चाहेंगे, बाद में आप सभी को.

और हमारा गला घोंटने का प्रयास तो सबसे पहले होगा. हम क्या करेंगे? मोदी भक्त से लेकर अजीबागरीब विश्लेषणों से नवाज कर हमारी आलोचना करनेवाले हमारी कलम छीनकर उसके टुकडे करने की कोशिश करेंगे, तब हम क्या करेंगे? हम दोनों टुकडों को लेकर दोनों हाथों से दुगुना लिखना शुरू कर देंगे और नरसिंह मेहता का स्मरण करके गाएंगे: `हम तो ऐसे हैं, भई ऐसे हैं, आप जो कहें हम वैसे हैं…’

(यह लेख दिनांक २७ फरवरी २०१९ को लिखा गया)

आज का विचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का अभी तक का सबसे बडा कथन: `दुनिया के किसी भी देश की ताकत नहीं है कि हमारे साथ अपने संबंधों को तोड दें… हमने सबसे उधार लिया है, वापस चाहिए कि नहीं?

एक मिनट!

बका: पका, इमरान ने भी पाकिस्तानी सेना को खुली छूट दे रखी है.

पका: क्या बात कर रहा है?

बका: हां, जिसे जहां से भागना हो, वहां से भाग सकता है!

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