ओ मेरे हमराही मेरी बांह थामे चलना

गुड मॉर्निंग

सौरभ शाह

किशोर कुमार के जीवन में, उनके करियर में दादामुनि अशोक कुमार से भी अधिक बडा योगदान पिता तुल्य सचिन देव बर्मन का था. ८ अप्रैल १९६६ को देव आनंद की `गाइड’ रिलीज होने से पहले की ये बात है.

ये दौर सचिन दा के लिए और किशोर दा  के लिए – दोनों के लिए ही डाउन पीरियड था. सचिन दा को सीवियर हार्ट अटैक आया था. उस समय उनके संगीत में दो फिल्में बन रही थीं. गुरुदत्त की `बहारें फिर भी आएंगी’ और देव आनंद की `गाइड’. `बहारें…’ के लिए सचिन दा ने पांच गाने कम्पोज कर लिए थे. `गाइड’ का काम शुरू करने की तैयारी हो रही थी. सचिन दो को हार्ट अटैक आ गया, अस्पताल में भर्ती किया गया. गुरुदत्त को फिल्म पूरी करने की जल्दी थी. सचिन दा ने अपनी बीमारी की शैया पर से कहलवा दिया कि पांच गीतों की धुनें तैयार कर रखी हैं, मेरी गैरहाजिरी में मेरा बेटा और मेरे सहायक आपको रेकॉर्डिंग करके दे देंगे. गुरुदत्त को सचिनदा के अलावा किसी पर भी भरोसा नहीं था, उनकी अनुपस्थिति में कोई और रेकॉर्डिंग करे, ये उन्हें स्वीकार्य नहीं था. गुरुदत्त ने इंतजार करने के बजाय ओ.पी. नैयर को साइन कर लिया और गीत तैयार करने लगे. `बहारें फिर भी आएंगी’ की शूटिंग हो गई. अभी थोडा काम बाकी था. इससे पहले हिंदी फिल्म जगत की सबसे दुखद घटना हुई. १० अक्टूबर १९६४ को ३९ वर्ष की उम्र में गुरुदत्त ने आत्महत्या कर ली. यह अधूरी फिल्म गुरुदत्त के बदले धर्मेंद्र को लेकर रिलीज की गई.

यहां देव आनंद ने तय किया कि `गाइड’ तभी शुरू होगी जब सचिन देव बर्मन स्वस्थ होकर फिर काम पर लौटेंगे. १९६५ भारी भरकम तैयारियों के साथ `गाइड’ शुरू हुई. सचिन देव बर्मन ने सारे गीत रेकॉर्ड कर लिए. मोहम्मद रफी की आवाज में `क्या से क्या हो गया’ रेकॉर्ड किया (यह गीत किशोर कुमार ने गाया था ऐसा मैने लिखा था जो मेरी गलती थी. इसके लिए क्षमा) रफी की ही आवाज में `तेरे मेरे सपने’ भी रेकार्ड हुआ. लता मंगेशकर ने `आज फिर जीने की तमन्ना है’ को अपनी आवाज दी. अन्य दो गीत भी गाए: `पिया तोसे नैना लागे रे’, `सैयां बेईमान’. मन्ना डे ने कोरस के साथ `हे राम, हमारे रामचंद्र’ गाया और खुद सचिन दा ने `अल्लाह मेघ दे, पानी दे’ तथा `वहॉं कौन है तेरा…’ गाया. किशोर कुमार को उस समय `गाइड’ में एक भी गीत नहीं मिला था.

किशोर कुमार का वह डाउन पीरियड था. `ढाके की मलमल’ (१९५६), `चलती का नाम गाडी’ (१९५८), `झुमरू'(१९६१) और `हाफ टिकट’ में उनके साथ जिस हिरोइन ने काम किया था उसके साथ उन्होंने १९६० में शादी कर ली, ऐसी हिंदी फिल्म जगत की एटर्नल ब्यूटी मधुबाला गंभीर रोग से ग्रस्त थीं. किशोर दा को उनकी बीमारी के बारे में जानकारी थी. ट्रीटमेंट के लिए लंदन भी ले गए थे. बीमारी के कारण मधुबाला का स्वभाव चिडचिडा हो गया था, ऐसा अशोक कुमार `फिल्म फेयर’ को दिए गए एक कहते हैं. किशोर दा का अधिकांश समय आउटडोर शूटिंग में बीतता था. मधुबाला अपने पिता (और दिलीप कुमार की निजी जिंदगी के विलेन) अताउल्ला खान के घर पर ही अधिकतर रहती थीं. पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ गईं. किशोरदा मधुबाला से अलग होना चाहते थे ऐसा कई लोगों का कहना है. इतनी हद तक मधुबाला का स्वभाव बिगड गया था. लेकिन ऐसे संयोगों में अलग होना ठीक नहीं था ऐसा मानकर किशोर कुमार ने विवश होकर इस बंधन को निभाया जो २३ फरवरी १९६९ को ३५ साल की उम्र में मधुबाला की मृत्यु तक निभाया. (`आराधना’ मधुबाला की मृत्यु के सात महीने बाद २७ सितंबर १९६९ को रिलीज हुई).

१९६४-६५ के दौर में किशोर कुमार का कामकाज काफी कम हो गया था. फिल्में मिलना कम हो गया. ऐक्टिंग का काम मोनोटोनस हो गया था. प्लेबैक सिंगिंग वे अधिकतर देव आनंद के लिए ही करते थे और देव आनंद के गीतों के लिए मोहम्मद रफी को भी लिया जाता था. पर्सनल और प्रोफेशनल स्तर पर किशोर कुमार के लिए ये संधिकाल चल रहा था.

`गाइड` की शूटिंग पूरी हो गई. पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा था. देव आनंद को अपने मित्र किशोर कुमार की याद आई. आजकल प्रोफेशनली किशोर कुमार के समाचार नहीं मिल रहे थे, बिलकुल अकेले पड गए हैं लगता है, ऐसा सोचकर देव साहब किशोर कुमार के घर पहुंच गए. सुख दुख की बातें करके उन्हें सचिन देव बर्मन के खार के `जेट’ बंगले पर ले आए. सचिन दा और किशोर कुमार दोनों एक दूसरे को देखकर भाव विभोर हो गए, गले मिल गए. कुछ देर में सहज होने के बाद सचिन दा ने कहा, `चलो हम रिहर्सल करते हैं. मेरे पास एक गीत तैयार है.’ सचिन दा ने हार्मोनियम निकाल कर तुरंत किशोर कुमार से `ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत’ तैयार करवाया.

यह बात विजय आनंद ने १९९० में कलकत्ता के अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में पीयूष शर्मा को दिए इंटरव्यू में कहीं थी.

मजरूह सुलतानपुरी का यह गीत एस.डी बर्मन ने गुरुदत्त की `बहारें फिर भी आएंगी’ के लिए तैयार किया था ऐसा कहा जाता है. किशोरदा की आवाज में गीत रेकॉर्ड तो हो गया था. काफी लंबे समय बाद किशोर दा ने गीत गाया. देव आनंद ने यह सोचकर इस गीत को रेकॉर्ड कर लिया था कि ये गीत `तीन देवियां’ में काम आएगा. इसी बहाने किशोर दा का करियर भी पटरी पर आ जाएगी. पर बाद में ख्याल आया कि `तीन देवियां’ को अभी बन रही है. उससे पहले `गाइड’ रिलीज होगी. उस समय ऐसा प्लान था, लेकिन अंत में `गाइड’ की रिलीज होने की तारीख १९६६ के लिए आगे बढा दी गई, और उससे पहले `तीन देवियां’ रिलीग हो गई.) दूसरी तरफ `गाइड’ की तुलना में `तीन देवियां’ काफी छोटी फिल्म है. `गाइड’ ने काफी बडे पैमाने पर हाइप खडा किया. इसमें `ख्वाब’ वाला गीत खो जाएगा. इसके बजाय यदि `गाइड’ में ही किशोर कुमार से गीत गवाया होता तो वह सभी को अच्छा लगता और किशोर कुमार फिर मैदान में आ जाते. देव आनंद ने निर्देशक (यानी भाई से) बात की. विजय आनंद ने तुरंत सिचुएशन खडी की. सचिन दा ने एक ट्यून तैयार करके शैलेंद्र को शब्द लिखने  के लिए दिया. `सीएनएन-आईबीएन चैनल के साथ बातचीत के दौरान वहीदा रहमान ने कहा था कि गाइड की शूटिंग पूरी होने के बाद उसमें वह गीत जोडा गया.

गाता रहे मेरा दिल, तूही मेरी मजिल. लताजी के साथ किशोरदा का यह युगल गीत संजीवनी बन कर किशोर कुमार के लिए दूसरी पारी लेकर आया. अब आप जब भी गाइड फिल्म देखें तब मार्क कीजिएगा कि यह गीत नहीं होता तो भी फिल्म पूरी ही थी. लेकिन इस गीत ने सोने पे सुहागे का काम किया, ऐसा भी आप महसूस करेंगे. देव आनंद और सचिन देव बर्मन के किशोर कुमार के प्रति लगाव के कारण यह गीत निर्मित हुआ. किशोरदा का जीवन तो पटरी पर आ ही गया. उनके प्रशंसकों की भी जान में जान आ गई- और किशोर दा को, उनकी आवाज को संबोधित करते हुए सभी ने उनसे कहा: ओ मेरे हमराही, मेरी बांह थामे चलना. बदले दुनिया सारी, तुम ना बदलना.

और फिर किशोर कुमार की आवाज वह सुर कभी नहीं बदला. एस.डी बर्मन के संगीत में ही नहीं, बाकी के चार संगीतकोरों के लिए उन्होंने जब जब गाया तब उसी खनक, उसी भावना और लगन के साथ गाया.

और कल.

आज का विचार

कल तक जो कहते थे कि इस देश में असहिष्णुता इतनी बढ गई है कि यहां रहा नहीं जा सकता. वही लोग आज ४० लाख घुसपैठियों को इस देश में रहने देने की वकालत कर रहे हैं.

 – व्हॉट्सएप पर पढा हुआ

एक मिनट!

बका: पका, गाता रहे मेरा दिल में वहीदा रहमान ने एक ही साडी पहन रखी है. बोल क्यों?

पका: देव आनंद ने उनसे कहा था: बदले दुनिया सारी, तुम ना बदलना….

(मुंबई समाचार, सोमवार – ६ अगस्त २०१८)

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