ट्विटर पर क्या करें, क्या नहीं करें: पंद्रह मुद्दों का कार्यक्रम: सौरभ शाह

(गुड मॉर्निंग एक्सक्लुझिव, बुधवार, १६ अप्रैल २०२१)

सोशल मीडिया एक अनिवार्य दूषण है. दूषण इसीलिए कि उसका बेलगाम दुरूपयोग होता है और अनिवार्य इसीलिए कि सोशल मीडिया के बिना अधिकांश लोगों का काम ही नहीं चलेगा. फेसबुक पर यदि आप हैं तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे में टिप्स एकाध दशक पहले मैने दी थी. आज कल ट्विटर अधिक चलन में है. आज  उसके उपयोग के बारे में कुछ सुझाव.

१.  सारे अंडे एक टोकरी में नहीं रखने चाहिए. आपका सारा कामकाज केवल ट्विटर पर होता रहेगा तो सारा दिन आप वहीं चिपके रहेगें. घंटों के घंटों बर्बाद होते रहेंगे. लोगों के साथ संपर्क रखने से लेकर वर्तमान जगत में क्या क्या घटित हो रहा है, यहां तक की दर्जनों आवश्यकताएँ आपकी होंगी. ट्विटर आपको ये सब देगा, ऐसा मानकर चलेंगे तो आपकी दुनिया संकरी होती चली जाएगी. ट्विटर पर जो होता है उसके अलावा दुनिया में अन्य कोई गतिविधि नहीं होती, ऐसा आप मान लेंगे तो आपका व्यक्तित्व संकुचित होता जाएगा. आपकी जानकारी के स्रोत एक से अधिक होने चाहिए. न्यूज़व्यूज़, मनोरंजन तथा अन्य के साथ संपर्क का स्रोत भी एक से अधिक होना चाहिए. ऋषि ट्विटर का उपयोग नहीं करते थे लेकिन आ नो भद्रा: कृतवो यन्तु विश्‍वत: वाले सुप्रसिद्ध मंत्र में लिख गए कि हमारे लिए हर तरफ से (दसों दिशाओं से) विचार आते रहते हैं. ट्विटर इसी दस में से एक दिशा है.

२.  ट्विटर पर आपको राजा भोज भी मिलेंगे और गंगू तेली भी. सोशल मीडिया की ये विशेषता है और कमी भी. छत्तीसगढ़ में देशद्रोही नक्सलवादी भारत के बाईस जवानों का शहीद करते हैं, इस बारे में सरकार को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में सलाह देनेवाले सैकड़ों लोग मिल जाएंगे. इसमें एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं होता जिसके पास इस समस्या को विस्तार से समझ कर उचित कदम उठाने जितनी अक्ल और उतना अनुभव भी हो. ऐसे मामले में सरकार के पास रणनीति तय करने के लिए पूरी सिस्टम होती है, विविध स्तर के एक्सपर्ट्स साथ मिल कर अपने ईकठ्ठे अनुभव को जोड़ते है फिर जा के कहीं उपाय निकलते है. ऐसे या ऐसे अनेक सामाचारों के संबंध में ट्विटर पर होने वाले शोरगुल को पढ़कर, लाइक करके, रिट्वीट करके या उस पर कमेंट करके आप केवल अपना टाइम बर्बाद करते हैं. एक कहावत शायद आपने सुनी होगी: काजी दुबले क्यों? सारे गांव की ट्विटर.‍

३.  ट्विटर पर जो कुछ भी पढ़ने को मिलता है वह किसने लिखा है, इसकी जांच करें. वह बड़ी नोट है या नकली नोट है, वह तो जांचिए पहले. ये हैंडल पैरोडी अकाउंट या फैन क्लब का तो नहीं है, यह भी देखिए. राय देने की उसकी काबिलियत भी है क्या, यह जानने की कोशिश करें. सचमुच कोई व्यक्ति योग्य है तो उसका विरोध भले कीजिए लेकिन उसका विरोध करने में भी विवेक बनाए रखें. मुझे यहां कौन पहचानता है, ऐसा मानकर किसी भी तरह की भाषा का उपयोग आप करेंगे तो आप खुद की कलई खोल देंगे. ट्विटर पर विरोध करने में और भाषा की मव्वालीगिरी करने में आसमान-जमीन का अंतर है. किसी अयोग्य व्यक्ति का विरोध करने का मन हो तो उस इच्छा को दबाकर रखें. जिसका कोई वजूद ही नहीं है, ऐसे व्यक्ति के साथ क्यों मगजमारी करें?

४.  यदि पांच लोग आपको जानते हैं, समाज में आपका उठना बैठना आदरणीय वर्ग में होता है, आप अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं, आपको लोग सिलेब्रिटी मानते हैं तो आपके ट्वीट का, आपके विचारों का विरोध करनेवालों या आपको ट्रोल करने वालों को दौड़कर जवाब देने की ज़रूरत नहीं है. हाथी जब ट्वीट करता है तो कुत्ते ट्रोल करने ही वाले हैं. ये पब्लिक प्लेटफॉर्म है. कोई भी व्यक्ति कुछ लिखे- आप सहन कीजिए और बेहतर तो ये है कि ऐसे लोगों पर ध्यान ही नहीं दें. उनकी ट्रोलिंग को नज़रअंदाज़ करें. उन्हें ब्लॉक करके उनकी महत्ता बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है, बजाय इसके कि कोई अपनी तमाम सीमाएं लांघ जाय. वर्ना जहां गांव होता है वहां कूड़ा भी होगा ही. ऐसे शाहीनबागियों को ब्लॉक करके शहीद करने की जरूरत नहीं है. वे लोग स्क्रीनशॉट लेकर गांव भर में ढिंढोरा पीटेंगे कि देखो इस सिलेब्रिटी ने मुझे … पर लात मारकर भगा दिया. आप ऐसे कचरों को मुंह से लगाएंगे तो गंदगी आप पर ही चिपकेगी. असभ्य और असंस्कारी आलोचकों के साथ कुतर्क करने से दूर रहें.

५.  बीच बीच में आप जिन्हें फॉलो कर रहे हैं, उनकी सूची जॉंच लें. उनमें से कई लोग आपको अभी अप्रासंगिक लगते हैं तो तुरंत उन्हें अनफॉलो कर दें. अन्यथा आपकी टाइमलाइन (टी.एल.) पर उनके ट्वीट दिखते रहेगें और आपका दिमाग खराब होता रहेगा. अनफॉलो करने के बाद ताजा हवा लाने के लिए कई नए हैंडल्स शामिल करने हों तो जोड दें ताकि नई नई जानकारी, नए नए दृष्टिकोण प्राप्त होते रहे. किसी को फॉलो करके अनफॉलो करेंगे तो बुरा लगेगा, यदि ऐसा सोचते हैं तो म्यूट कर दीजिए. इसके अलावा किसी को पता न चले ऐसे भी उसे ब्लॉक कर सकते हैं, एक ट्रिक है उसकी. किसी से भी पूछ लीजिएगा! संक्षिप्त में, जेल की भाषा में छोटी सफाई और बड़ी सफाई करते रहनी चाहिए. (छिपी सफाई भी हो सकती है!)

६.  पल पल का समाचार पाने के लिए ट्विटर श्रेष्ठ माध्यम है अगर ऐसा आप मानते हैं तो आप सही हैं. लेकिन पहले यह बात तो तय कर लीजिए कि क्या पल पल का समाचार आपको मिलते रहना जरूरी है?  सचिन वाजे के पास से सात महंगी गाडियां मिलीं और फिर उसके बाद आठवीं गाडी और एक लक्जरी बाइक भी मिली, ये समाचार आपको दोपहर में ट्विटर पर मिले या रात को टीवी समाचार से मिले, इससे आपके जीवन में या कामकाज में क्या फर्क पड़ेगा? मुख्तार अंसारी को पंजाब से यू.पी. ले जा रहा पुलिस काफिला अभी कहां पहुंचा है, इसकी मिनट दर मिनट की खबर रखकर आपको क्या मिलनेवाला है. आप खुद अगर किसी समाचार पत्र या टीवी न्यूज चैनल या डिजिटल मीडिया न्यूज़ पोर्टल के साथ जुड़े हों तो अलग बात है. वर्ना मनोरंज या चीप थ्रिल हासिल करने में आपका समय, आपकी ऊर्जा बर्बाद ही होगी.

७.  ट्विटर पर जो भी अच्छा लगा, वह सब लाइक कर देना या ज्यादा पसंद आनेवाली ट्वीट को रिट्वीट कर देना जरूरी नहीं होता. आपके जो फॉलोअर्स हैं, उनकी टी.एल. में ये लाइक्स और डिसलाइक्स और रिट्वीट्स दिखते रहेंगे. वे लोग आपके लाइक्स और रिट्वीट से परेशान न हो जाएं, ये देखने का जिम्मा आपका है.

८.  असली दुनिया में आपका काम कितना बड़ा है, इससे आपकी महत्ता बढ़ती है. बोल बच्चन बनकर आपने ट्विटर पर अपने फॉलोअर्स बढ़ा लिए और आप खुद को सिलेब्रिटी मानने लगे तो ये चार दिन की चांदनी जैसा संतोष होगा.वर्चुअल वर्ल्ड में आपका बोलबाला हो रहा है तो वह सिर्फ तभी टिकेगा जब रीयल व्लर्ड में भी आपका उस दर्जे का काम बोलता हो. बेलगाम लिखने वालों को या व्यंग्य-कटाक्ष करके वाह वाही लूटनेवालों को रातों रात हजारों फॉलोअर्स मिल जाते हैं. आपको उस जाल में फंसने की जरूरत नहीं है. आपके पास आपकी पढ़ाई है, करियर है, आपका घर संसार है जिस पर अधिक ध्यान देंगे तो केवल आपका ही नहीं, बल्कि आपके आस-पास रहने वालों का भी भला कर सकेंगे. पबजी खेलने में आप एक्सपर्ट हैं तो इसका ये अर्थ नहीं है कि आप मोदी को किस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए, यह सिखानेवाला ट्वीट करके इंटेलिजेंट लगेंगे.

९.  आपने क्या खाया, कहां घूमने गए और कौन सा नया कपड़ा पहना या आपके घर में किसने क्या किया, ऐसी जानकारियों को फैमिली व्हॉट्सऐप ग्रुप तक ही सीमित रखना चाहिए. उन्हें ट्विटर पर पोस्ट करने के जमाने बीत गए. वो सब अब आउटडेटेड हो गया है, सिवाय इसके कि वह जानकारी सामान्य जनता के लिए उपयोगी हो. वर्ना बाथरूम के दरवाजे-खिडकियां खोलकर नहा रहे हों, ऐसा लगेगा. दूसरी बात. पीएम या एचएम जैसे बड़े लोगों को हमें टैग नहीं करना चाहिए, यह बात ध्यान रखो बच्चो. और एक साथ, दर्जनों टैग्स तथा हैश टैग्स वाला आपका ट्वीट पढ़ने के लिए इस दुनिया में कोई खाली नहीं बैठा है.

१०. ट्विटर का सबसे बड़ा फायदा उसका संक्षिप्त होना है. २८० कैरेक्टर्स में अंग्रेजी या हिंदी या अन्य भाषाओं के करीब पचास शब्द शामिल होते हैं. अधिक से अधिक पांच-सात वाक्यों में ही आपको अपनी बात कहनी होती है. (कभी कभार मुद्दा विस्तार से समझाना हो और एक से अधिक ट्वीट का थ्रेड बनाएं तो बात अलग है लेकिन ऐसा कभी कभी ही करना चाहिए). लंबी लंबी बातों के तानेबाने में वैसे भी किसी को रुचि नहीं होती. स्कूल में प्रेसी या सारांश लिखना सिखाया जाता था. अल्प मात्रा में भोजन करने जैसा ही कम बोलना भी जरूरी  है. कम आहार की तरह बोलने लिखने में भी ध्यान रखना चाहिए. मुद्दे पर,यहां वहां की बात किए बिना मूल बात पर टिक कर लिखना कठिन है लेकिन अनिवार्य है, यह बात आपको ट्विटर सिखाता है. सीख लीजिए. एक जमाने में तार या टेलीग्राम में चार ही शब्द लिखे जाते और बात की गंभीरता समझमें आ जाती थी: मदर सीरियस, कम सून. ट्विटर इसी तरह का माध्यम है.

११. आपके पुराने ट्वीट्स का उपयोग आपके खिलाफ हो सकता है. ट्विटर के दो विरोधाभासी रूप हैं. उसमें से एक तो देह की तरह नश्‍वर है. अपनी ट्वीट को आप जब चाहे डिलीट करके मिटा सकते हैं. इसके विपरीत आपके ट्वीट्स आपके दुश्मनों द्वारा लिए गए स्क्रीनशॉट्स के रूप में अमर हैं, जिन्हें आपके ट्वीट डिलीट करने के बाद भी कोई मार नहीं सकता, जला नहीं सकता, न ही भिगा सकता है. आपके विचार समय के साथ बदलते हैं, इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन कई बार किसी डेवलपिंग न्यूज या गर्मागर्म चर्चा में आगे पीछे का देखे बिना या बिना सोचे समझे कूद पड़ने से पहले, ये बात याद रखनी चाहिए. भविष्य में मिसकोट किए जाएंगे तो आपके फॉलोअर्स में आपको कोई भी बचाने नहीं आएगा.

१२. जिनकी कोई पब्लिक इमेज नहीं है, कोई अकाउंटेबिलिटी नहीं है, कई बार तो असली पहचान भी नहीं होती, ऐसे हैंडल्स के ट्वीट की घनघोर आलोचना में कमेंट करेंगे या उसके साथ हाथापाई में उलझेंगे तो असल में फायदा भी उसी को होगा. उसे निगेटिव पब्लिसिटी मिलेगी. ऐसी राखी सावंतों को मुंह नहीं लगाना चाहिए.

१३. ब्रेकिंग न्यूज़ लिखकर जो ट्वीट मिलते हैं, उन्हें पढ़ने से पहले सोचिए तो सही कि सचमुच में कोई अखबार, न्यूज चैनल या जाना माना पत्रकार या जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा वह समाचार भेजा गया है या फिर किसी लल्लूपंजू ने. किसी भी निगेटिव समाचार को ट्वीट करने से पहले दो बार विचार करें.

१४. बचपन से आपके माता पिता ने आपको सिखाया है कि सभ्यता से बोलना चाहिए. मां-बहन की गालियां पुराने और निजी यार दोस्तों की संगत में बोलना हो तो बोलिए लेकिन सारा गांव सुन ले, इस तरह से बोलेंगे तो आपके ही भद्र संस्कारों पर प्रहार होगा. ट्विटर पर आप जो भी लिखते हैं वह सारा गांव सुन रहा है. भाषा पर नियंत्रण रखें. मर्दानगी दिखाने के और भी कई तरीके हैं, ट्विटर पर अनापशनाप बोलकर माता-पिता के दिए गए संस्कारों को लज्जित मत कीजिएगा. यहां मुझे कौन पहचानता है, मैने तो अपना नाम भी छिपाया है, असली परिचय भी नहीं दिया, फोटो भी गलत चिपकाया है, ऐसा मानकर आप अपने परिवार से मिले शालीनता के पाठ को भूल जाएंगे तो अंत में नुकसान आपका ही है. अपनी गंदगी में आप ही अटकेंगे. सामने वाला तो आपको ब्लॉक करके हाथ धो लेगा. फिर अपने उस ट्वीट की बदबू आपको आजीवन सहनी होगी.

१५. चलते चलते अंतिम बात सुनते जाइए. ट्विटर पर आप जिसे  चाहते हैं, उनके अकाउंट पर किसी भी समय प्रतिबंध आ सकता है. आप चाहे जितना जोर लगालें तो भी यह बात समझ लें कि ट्विटर एक निजी स्वामित्व का व्यवसाय है, आपके पिताजी की जागीर नहीं है. ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता पर रहते समय उन्हें बैन कर दिया था और भविष्य में (२०२४ में) वे यदि चुनाव लडेंगे तो भी हम उन पर से प्रतिबंध नहीं हटाएंगे तब तक की बदमाशी ये सोशल मीडिया के मालिक खुलकर कर सकते हैं. आप खुद भी कभी भी ब्लॉक हो सकते हैं. आपको पसंद आनेवाला हैंडल ब्लॉक हो जाए तो जरा खोजबीन करेंगे तो ध्यान में आएगा कि किस नई आयडेंटिटी के साथ वे फिर से मैदान में उतरे हैं. ट्रू इंडोलॉजी से लेकर अजित भारती तक के अनेक अकाउंट्स के जन्म-पुनर्जन्म हुए हैं. आपको इस झंझट में नहीं पडना है तो सावधान रहिएगा, जिम्मेदारी से बर्ताव कीजिएगा और ट्वीट टाइप करने के बाद पढ़ लीजिएगा. कम से कम भाषा की गलतियां तो सुधर ही जाएंगी.

पान बनारसवाला

तू जो बोता है वही पाता है.

देख वे खेत!

नागफनी तो नागफनी और

अनाज तो अनाज ही है

-रॉबर्ट ब्राउनिंग

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