(यह आर्टिकल २५ अप्रैल २०१९ को गुजराती में लिखा गया था | याद रखें कि यह चौथे चरण के मतदान के भी पूर्व लिखा गया था | सातवाँ चरण ११ मई को था और एक्ज़िट पोल ११ मई की शाम को आना शुरू हुए थे | परिणाम २३ मई को घोषित किए गए थे | पूरा आलेख वर्तमान स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पढ़ें | हिन्दी अनुवाद २३ दिसम्बर २०१९ को किया गया है |)
न्यूज़ व्यूज़ : सौरभ शाह
(newspremi.com , गुरुवार, २५ अप्रैल २०१९)
वर्ष २०१४ में भाजपा को २८२ सीट्स मिली थीं | इस बार ३०० निश्चित हैं और एन.डी.ए. को कुल ३५० से ३७५ सीट्स मिल सकती है, वह भी निश्चित है | लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत मिलना ही है- तब उसके लिए ३६२/ ३६३ सीट्स चाहिए |
मेरा अभ्यास बताता है कि सब मुद्दे होने के बावजूद मोदी के लिए यह चुनाव एक केकवाक है | दूसरी टर्म मिलेगी या नहीं, उस बारे में मेरे मन में कोई संशय नहीं है | न केवल दूसरी टर्म मिलेगी या लोकसभा में दो तिहाई बहुमत मिलेगा, बल्कि अगले दो-तीन वर्षों में राज्यसभा में भी वे दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लेंगे | और इस दूसरी टर्म के अंतिम दो-तीन वर्षों के दौरान हम सब, जिन संवैधानिक व क्रांतिकारी क़दमों को उठाए जाने की आशा रखते हैं, वे सभी काम पूर्ण हो जाएँगे | इन सब कामों के अलावा हम जिनकी कल्पना भी नहीं कर सकते, वैसे काम मोदी दिन-रात जागरण कर हमारे लिए करनेवाले हैं- मेरे इन शब्दों को याद रखिएगा, मोदी ऐसे-ऐसे काम करेंगे, जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी |
मोदी की इस सफलता को देख कर कांग्रेस व उनके विध्वंसक साथियों का जी तो भरपूर जलेगा | वे राजकीय मोर्चों पर समाप्ति की कगार पर आ जाएँगे, उनका कचूमर निकल जाएगा, बचने का कोई मार्ग नहीं होगा | भारत के लोगों का उन पर जरा भी विश्वास नहीं रहेगा –मात्र पेड सेक्यूलर, लेफ्टिस्ट व मीडिया के बचे-खुचे चमचे ही उनके साथ होंगे | काँग्रेसियों व उनके सड़कछाप साथियों की जान पर आ जाएगी और तब वे भारत के लिए, मोदी के लिए व हम सब के लिए एक बड़ा खतरा बन जाएँगे | मरता क्या नहीं करता, नंगा क्या नहाए और क्या निचोए ? और यह हमने देखा है कि दिग्विजयसिंह की तरह, राहुल के अन्य साथी-सलाहकार भी, चाहें वे अहमद पटेल हों, कपिल सिब्बल हों या फिर जिनकी चरण-रज को काँग्रेस सिर पर लगा सके वे मायावती, अखिलेश, ममता या उस जोकर केजरीवाल – ये सब निर्वस्त्र नेता अब उनके हाथ से फिसल चुकी सत्ता को हथियाने के लिए, यह मान कर कि यही अंतिम मौका है, ऐसा कह कर मायूसी में जी जान लगा देंगे हालाँकि उन्होंने पहली टर्म में तो मोदी को परेशान करने के लिए बहुत छटपटाहट की थी, लेकिन वे ऐसा कर नहीं सके थे | मोदी जो मुश्किल से तीन-चार घंटे ही सोते हैं, इस पूरी दूसरी टर्म में, वे सभी गद्दार उन्हें उतना भी नहीं सोने देंगे | ऐसे-ऐसे खेल ये काँग्रेसी, मुस्लिमवादी, वामपंथी खेलेंगे और पेड मिडिया भी अपनी अंतिम लँगोटी बचाने के लिए, दस गुनी ताकत से मोदी के विरुद्ध प्रचार कार्य शुरू करेगी और हमें भ्रम में डालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी |
मुझे वर्ष २०१९ के चुनाव की चिंता नहीं है | चिंता मुझे वर्ष २०२४ के चुनाव की है | वह हम सब को भी होना चाहिए | आगामी पाँच वर्षों के दौरान हमें एक-एक दिन चौकन्ना रहना होगा | विपक्ष हताश होकर मोदी को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से तैयार रहेगा | भूतकाल में उसने यही किया है | जब स्वयं का अस्तित्व ही जोखिम में लगा, तब काँग्रेस ने खुद को बचाने के लिए ऐसी अपवित्र हरकतें की ही हैं , जिससे देश का अस्तित्व ही जोखिम में आ जाए | मोदी को पदच्युत करने के लिए उनके विरोधी देश में अस्थिरता उत्पन्न कर सकते हैं | वे मात्र सांप्रदायिक दंगे ही नहीं, बल्कि दक्षिण में, उत्तर-पूर्व में व बँगाल में भी गृह-युद्ध के हालात पैदा कर सकते हैं | सिर से पैर तक परिशुद्ध ऐसे मोदी पर रफाल को एक बड़ा घोटाला बता कर, आरोपों की बौछार करनेवाले देशद्रोही आगामी पाँच वर्षों में न केवल मोदी पर, मोदी के निकट के राजनैतिक साथियों पर व साथ ही मोदी के विश्वसनीय नौकरशाहों व मोदी के समर्थकों की निष्ठा पर इस-इस तरह के प्रहार करेंगे कि उससे आम जनता भ्रमित हो जाएगी – और फिर आप सोचने लगेंगे कि जब इतना धुआँ उठ रहा है तो कहीं तो आग होगी ही | मरता क्या नहीं करता की स्थिति में आने पर वह उनका अंतिम दाँव होगा | उन्हें तो वैसे भी मरना है | लेकिन मैं तो मरूँ, लेकिन तुझे विधवा बनाती जाऊँ, उस गंदी लेकिन असरदार कहावत का अनुसरण करते हुए ये विरोधी देश को विधवा बनाने की पूरी कोशिश करेंगे | फिदाईन आतंकवादियों की मानसिकता के साथ ये विरोधी आगामी पाँच वर्षों के दौरान उनकी प्रवृत्तियों को कार्यान्वित करेंगे, क्योंकि लोकसभा व बाद में राज्यसभा में एन.डी.ए. का दो-तिहाई बहुमत क्या होता है वह उन्हें मालूम है | मोदी जो चाहते हैं, वे कर सकेंगे | मोदी के देश में उन लोगों के लिए खड़े रहने जितनी जगह भी नहीं बचेगी | उनके पास दो ही विकल्प रहेंगे या तो तिहाड़ या फिर मामा का घर कितना, इटली में दीया जले उतना |
हम सब को, भारत के एक-एक मतदाता को आगामी पाँच वर्षों के दौरान मोदी के साथ जागते रहना पड़ेगा | काँग्रेसी मीडिया के दुष्प्रचार के दौरान हम कहीं सोते न रह जाएँ | भारत का नाजुक वक्त २३ मई को एन.डी.ए. को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद शुरू होनेवाला है | उसके बाद के १८०० दिनों की अवधि में हमें मोदी पर, देश पर व एक-दूसरे पर अटूट श्रद्धा रखना है | विरोधियों का प्रचारतंत्र कितना मजबूत है, उसका परिचय हमें ६ दिसंबर १९९२ के बाद, २७ फरवरी २००२ के बाद और २६ जनवरी २०१४ के बाद सतत मिलता रहा है | दीपक जैसी स्पष्ट बात को भी, आँधी का सृजन कर उसे धुंधली बना देने में वे सिद्धहस्त हैं | काँग्रेसियों व वामपंथियों को यह कपट बाल-घुट्टी में मिला है | नेहरू के समाजवाद व रूस के साम्यवाद ने उन्हें यही सिखाया है | स्वयं के विरुद्ध जा सके, यदि कोई वैसी बात हो जाए, तब पूरी बाजी को ही पलट दें और पूरा खाका ही बदल दें | उनकी मुस्लिम वोट बैंक के लिए, मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति कहीं उजागर न हो, उसके लिए हिंदू आतंकवाद का भ्रम फैलाया जाए | उनके खुद के दो नंबर के धंधे कहीं पकड़ में न आ जाएँ, उसके लिए उनके द्वारा नोटबंदी और जीसटी का पुरजोर विरोध करना |
गरीबों को मिलनेवाली वित्तीय सहायता में से कटकी मिलना असंभव बना दिया जाए, तब आधार कार्ड का विरोध करना | २६/ ११ सहित के आतंकवादी हमलों में उनकी निष्फलता उजागर हो जाए, तब उडी व बागलकोट की एयर स्ट्राईक के सबूत माँगना | राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभाओं में जीत मिले, तब एवीएम के बारे में चुप्पी साध लेना, लेकिन जब भाजपा जीतनेवाली हो तब पहले से ही एवीएम पर शंका व्यक्त कर भ्रमजाल फैलाना और इसमें राहुल-सोनिया के गुलाम की तरह काम करनेवाले, साम पित्रोदा जैसे पढ़े-लिखे भी शामिल हैं | पित्रोदा ने कहा है कि मुझे एक वर्ष के लिए एवीएम मशीन दे दो, मैं उसमें कमियाँ ढूँढ लूँगा | ऐसे प्रसिद्ध तकनीशियन को भी एक वर्ष चाहिए !
मोदी पर भरोसा रखें | आस्तीन के साँप के पास भी जो नागिन डान्स करवा सके, उनका नाम मोदी है |
સૌરભભાઇ સૌ પ્રથમ આ લેખ લખવા માટે તમને કોટી કોટી વંદન અને અભિનંદન. તમારો આ લેખ ખૂબજ સુંદર, સચોટ, વેધક અને હૃદય ને સ્પર્શી જાય એવો છે. તમારો આ લેખ મે મુંબઈ સમાચાર મા આવતી તમારી કલમ ગુડ મોર્નિંગ માં વાચેલા છે તમે ભાખેલું ભવિષ્ય શબ્દ શબ્દ સાચું પડી રહ્યુ છે.
Excellent … But How to stop this psudo anti national parties ??? There are so many idiot Jaychands in this country….
Very well written. Perfect political forcast. Opposition is doing the same as written in this article.