संडे मॉर्निंग
सौरभ शाह
जम्मू-कश्मीर में हुए कठुआ रेप केस की चर्चा सारे देश में हुई थी? क्यों? विक्टिम मुस्लिम, आरोपी हिंदू और बलात्कार का तथाकथित स्थान मंदिर था.
भविष्य में साबित हो जाएगा कि सारे केस में कोई अलग ही अपराधी शामिल थे. जिस तरह से इस केस को राजनीतिक रंग दिया गया है, उसे देखते हुए निश्चित ही साबित होगा कि अभी जिन्हें दोषी माना गया है उन्हें गलत तरीके से फंसाने में आया है.
कठुआ की कालावधि के दौरान ही गाजियाबाद के मदरसे में एक बलात्कार का मामला हुआ था. हममें से कितने लोग उसके बारे में जानते हैं, उसमें कौन कौन आरोपी हैं- उनके नाम क्या हैं. नाबालिगों का नाम भले डिक्लेयर न हो, लेकिन अन्य आरोपी जो कि मौलवी है, उसका नाम भी पता है क्या? कठुआ में तो नाबालिग आरोपी का नाम और चेहरा, उसका बैकग्राउंड सब कुछ प्रचारित किया गया. बलात्कार के मामले में पीडिता का नाम कभी सार्वजनिक नहीं किया जाता. लेकिन कठुआ में विक्टिम वॉज अ मुस्लिम इसीलिए पॉइंट स्कोर करने का मौका भला कोई छोड सकता है!
गाजियाबाद के मामले में तीन-चार दिन पहले स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम ने चार्जशीट फाइल की! यह न्यूज हममें से कितने लोगों ने पढी है? हमारे मन में अभी भी कठुआ ही छाया हुआ है. कठुआ के लिए होहल्ला मचानेवालों में से कितने लोगों ने गाजियाबाद के लिए तनिक भी असंतोष जताया.
सेकुलरों की जमात फेसबुक पर कठुआ के समय जितनी लुख्खागिरी की उसमें एक प्रतिशत लोगों ने भी गाजियाबाद के लिए नहीं की. धर्मनिरपेक्षता का यह उत्तम उदाहरण है: आरोपी का नाम हिंदू हो, पीडिता मुस्लिम हो तो पीटो हिंदुओं को. आरोपी मुस्लिम हो, मौलवी हो और मदरसा जैसे पवित्र स्थान पर कुकर्म हुआ हो तो दोनों टांगों के बीच पूंछ दबाकर इग्नोर करो.
गाजियाबाद के मामले में एस.आई.टी. ने जो चार्जशीट दायर की है उसकी जानकारी आपको है क्या? तो ये लीजिए:
दस वर्ष की मासूम कन्या पर दो लोगों ने मिलकर गैंग रेप किया. लडकी को बेहोशी की दवा मिलाकर पानी पिलाकर बेहोश किया गया. १९ पृष्ठों की चार्जशीट में लिखा गया है कि एक आरोपी तुरंत ही पकडा गया. दूसरा आरोपी जिसने रेप किया था वह लापता है और तीसरा आरोपी जिसने लडकी को ललचा कर मदरसा में बुलाया था वह भी छिपता फिर रहा है.
बलात्कार करने के बाद आरोपी ने अपना और लडकी का फोन तोड दिया. लडकी ने मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में ये सारी बातें कही हैं.
सीआरपीसी (क्रिमिनल प्रोसिजर कोड) की धारा १५४ के अंतर्गत इस बयान को कोर्ट में स्वीकार किया जाता है. पुलिस ने दोनों फोन्स को मदरसा के पास एक खाली प्लॉट से बरामद किया है. फोन के आई.एम.आई. नंबर से उसकी पहचान पक्की हो गई. इस फोन पर आरोपी और उसके दोस्त लडकी की आवाज में पीडिता के साथ बात करते थे. उसे लालच देते थे.
बलात्कार का हर मामला दुर्भाग्यपूर्ण होता है. बलात्कारी को कडी से कडी सजा मिलना जरूरी है. सबसे दुख की बात ये है कि अपने यहां बलात्कार के कुछ किस्से हाइलाइट किए जाते हैं, तो कुछ को दबा दिया जाता है. पेड मीडिया में घुस चुका हिंदू द्वेष इसके लिए जिम्मेदार है. पेड मीडिया में हिंदू द्वेष ही नहीं बल्कि भारत द्वेष भी ऐसे किस्सों में सामने आता है जिसे करीब पांच साल पहले हमने निर्भया केस के समय देखा था, जिसमें पीडिता हिंदू थी, आरोपी हिंदू थे और जो अपराधी भी साबित हुए.
मदरसा, मौलवी और बलात्कार- ऐसा कोई कॉम्बिनेशन जब आता है तब पेड मीडिया का द्वेष उभर आता है. इतना सब लिखने का बेसिक कारण ये है कि मीडिया और/या सोशल मीडिया में किसी भी इशू को उछाला जाता है तो उसमें कूद पडने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. थोडी अक्कल, थोडे कॉमन सेंस और थोडा विवेक से काम लेकर खुद से पूछना चाहिए कि आपको कोई दिग्भ्रमित तो नहीं कर रहा है? कोई आपकी जांच तो नहीं कर रहा है? कोई आपको मिसगाइड करके और उकसा कर आपके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना तो नहीं लगा रहा है.
आपके कंधे पर बैठे बकरे को कुत्ता कहकर आपका बकरा छीन लेने वालों की संख्या आपके आस-पास बढ रही है. इसीलिए, सावधान!
आज का विचार
एक बार ईश्वर ने पूछा: तुम्हें क्या चाहिए?
मांगने में धोखा खा गया, किसी से कहिएगा नहीं!
– गौरांग ठाकर
संडे ह्यूमर
बाबू बाटली वकील के पास गया और बोला:
`साहब, यदि मैं सरकार मान्य शराब लेकर पीऊँ और पत्नी रोके तो सरकारी काम में दखल देने के मामले में उसके अंदर किया जा सकता है?
वकील ने खडे होकर बाबू बाटली को गले लगाकर पूछा: `यह तुमने कहां से सीखा!’