मो से छल किए जाए, देखो सैंया बेईमान

गुड मॉर्निंग- सौरभ शाह

(मुंबई समाचार, सोमवार – ८ अक्टूबर २०१८)

लॉयर के पत्र पर रोजी का हस्ताक्षर लेने के बजाय उसे शराब की बोतलों के कैबिनेट में छिपा देने के बाद राजू ने सोचा कि अच्छा है कि मणि छुट्टी पर था वर्ना सब गडबड हो जाता. रात में राजू ने फिर से वह पत्र पढा. रोजी का हस्ताक्षर हो जाने के बाद उस पर मार्को का हस्ताक्षर होना था. लॉयर के जरिए ऐसा पत्र भेजने के पीछे क्या आशय हो सकता है?

रोजी के आभूषणों का डिब्बा इतने दिन बाद अब जाकर भेजने का क्या अर्थ है? क्या वह रोजी को वापस पाने के लिए कोई बडी चाल चल रहा था, जाल बिछा रहा था? रोजी को अगर इस पत्र के बारे में पता चलेगा तो वह दीवानी हो जाएगी. मेरा मार्को ऐसा, मेरा मार्को वैसा कहकर नाचने लगेगी. `देखा, मैं कहती थी ना, कि वो कितना खानदानी है!’ रोजी सोचेगी. इलस्ट्रेटेड वीकली में उसकी एक फोटो देखकर कैसी पागल हो गई थी. राजू ने अभी तक उसे वह बुक नहीं दिखाई थी. अगले दिन राजू ने इंतजार किया था कि रोजी उस किताब के में कुछ पूछती है या नहीं. लेकिन रोजी ने कभी वह बात नहीं उठाई. राजू ने भी उस बारे में मौन धारण कर लिया.

लेकिन इस बार आए वकील के पत्र की बात ही कुछ अलग थी. हो सकता है कि रोजी लेटर देखकर शायद अगली ट्रेन पकड कर मद्रास लौट जाए. तो फिर इस लेटर करना क्या? पडे रहने दो उसे व्हिस्की की बोतलों के सान्निध्य में, राजू ने उदास मुस्कुराहट के साथ खुद को समझा लिया.

तीन दिन बाद आधी रात को राजू रोजी को सोता छोड नीचे आ गया. शराब के बार का कैबिनेट खोलकर पत्र पढने लगा, उसमें ऐसा कोई निर्देश नहीं था कि फलां तारीख से पहले पत्र पर हस्ताक्षर करके वापस भेजना होगा, लेकिन अगर इस पत्र के बारे में कोई फैसला करने में देर होती है और लॉयर की ऑफिस से रिमाइंडर आता है और बाय दैट टाइम मणि भी छुट्टी पर से लौट आता है और उसे ये सारी बात पता चला जाती है तो? वह रिमाइंडर अगर राजू के नहीं रहने पर आया और मणि वह पत्र सीधे रोजी तक पहुंचा दे तो? राजू ने तय किया कि लॉयर के पत्र की बात रोजी तक नहीं पहुंचनी चाहिए. उसने पत्र पर रोजी का हस्ताक्षर करके दूसरे दिन रजिस्टर्ड डाक से वापस भेज दिया. मणि छुट्टी पर था इसीलिए अच्छा हुआ. राजू खुद ही पोस्ट ऑफिस जाकर पोस्ट मास्टर को सौंपकर रसीद ले आया.

राजू को पता नहीं था कि ज्वेलरी बॉक्स कब आनेवाला था. वकील के पत्र में तो लिखा था कि हस्ताक्षर हो जाने के बाद तुरंत डाक द्वारा बीमा करवाने के बाद उसे भेज दिया जाएगा. मणि छुट्टी से लौट आया था. राजू हर दिन उससे पूछा करता था कि कोई पार्सल आया? कोई पार्सल आया?

राजू को आशा थी कि जैसे ही रोजी के नकली हस्ताक्षर वाला पत्र लॉयर की ऑफिस में पहुंचेगा कि तुरंत ही मार्को का हस्ताक्षर हो जाएगा और बैंक के लॉकर से रोजी के गहनों का डिब्बा डाक बीमा के पार्सल द्वारा मालगुडी आ जाएगा. वह रोज एकटक पार्सल की राह देख रहा था. हर दूसरे दिन राजू शराब की बोतलों के खाने में से वकील का कवरिंग लेटर निकालकर पढता और सोचता कि कहीं उस मणि ने ये पत्र पढ तो नहीं लिया. कितने समय से मेरे लिए काम कर रहा है लेकिन जैसे उस किताब के बारे में चुगली की थी उसी तरह से कहीं लेटर के बारे में भी तो बक कर नहीं आया है. लुच्चा, बदमाश है. वह भरोसे के लायक कतई नहीं है.

एक रात मालगुडी से ५० मील दूर कालीपेट गांव में रोजी का शो था. आयोजकों ने संगीतवादकों के लिए एक वैन की और रोजी-राजू के लिए प्लीमथ कार की व्यवस्था की थी. टिकट की कीमत पचास लेकर दो सौ रूपए तक थी. नया मैटर्निटी होम बनाने के लिए चंदा जुटाने हेतु यह भव्य चैरिटी शो आयोजित किया गया था. राजू ने मौके का फायदा उठाने के लिए रोजी की रेगुलर फीस के अलावा खर्च के लिए एक हजार रूपए मांगे थे. कार्यक्रम में इस इलाके के तमाम दिग्गज और धुरंधर लोग आए थे. शो के लिए जबरदस्त बडा मंडप और विशाल स्टेज बनाया गया था. रोजी ने गणेश वंदना से आरंभ किया. दो घंटों के दौरान एक के बाद एक हिट आयटम्स रोजी पेश करती रही. पैंतालीस मिनट तक वह आयटम चलता था. अब स्टेज पर वह शो शुरू हो चुका था. राजू रोजी का अद्भुत नृत्य और अदाओं को देखने में पूरा तन्मय हो गया था. उसे मां याद गई. मां ने रोजी को नागकन्या कहकर उसका अपमान किया था. मां ने अगर यह देखा होता तो रोजी के बारे में उसके विचार बिलकुल बदल गए होते और रोजी के प्रति उसके मन में सम्मान के भाव आ जाते. इसी समय आयोजकों में से किसी ने आकर राजू के कान में कहा,`सर, कोई आपको बुला रहा है.’

`मुझे? अभी कौन डिस्टर्ब कर रहा है?’

`सर, डिस्ट्रिक्ट पुलिस सुपरिंटेंडेंट याद कर रहे हैं आपको.’

`उनसे कह तो कि यह आइटम खत्म होते ही मिलने आ रहा हूँ.’

डीसीपी राजू के साथ नियमित तीन पत्ती खेलता था. अभी उन्हें मुझसे क्या काम आ पडा, राजू को आश्चर्य हो रहा था. संभव था कि मिनिस्टर के आने के कारण अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त के बारे में कोई चर्चा करनी हो. आयटम पूर्ण होने के बाद तालियों की भारी गडगडाहट हुई. राजू बाहर आया. सादे कपडे में डीएसपी उसका इंतजार कर रहे थे. राजू ने उनको देखकर कहा.

`हैल्लो, डीएसपी मुझे पचा चला कि आप भी आनेवाले हैं. पहले से कहा होता तो अपनी गाडी में ही आपको लिए आते.’

डीएसपी राजू की बांह पकड कर उसे दूर एकांत में ले गए, क्योंकि आसपास कई सारे लोग इन दोनों को देख रहे थे. किसी को सुनाई न पडे इसीलिए डीएसपी ने धीमे स्वर में राजू से कहा,`मुझे दुख हो रहा है, लेकिन मेरे पास आपकी गिरफ्तारी का वॉरंट है, ऊपर से आदेश आया है.’

आज का विचार

किसी भी सुंदर रिश्ते का आधार एक दूसरे के प्रति समझ भले न हो लेकिन एक-दूसरे के लिए गलतफहमियों को कितना टाला जा सकता है इस पर रिश्तों की सुंदरता आश्रित होती है.

– वॉट्सएप पर पढा हुआ.

एक मिनट!

ज्योतिषी: बका, तेरी कुंडली में बहुत धन है.

बका: महाराज, मुझे उपाय सुझाइए कि कुंडली का धन बैंक में किस तरह से ट्रांसफर होगा. एनईएफटी से या आरटीजीएस से!

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